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लेखनी प्रतियोगिता -सच्ची होली–24-Mar-2024

            सच्ची होली 

आज होली का रंग पड़ गया फिका ,
रिश्तों में मिठास रह गया फिका।

जिन्दगी का मजा है अधूरा,
अपनो का अपनापन है अधूरा।

मौसम से हरियाली गायब,
जीवन से खुशयाली गायब।

हो गयी आमदनी  चव्वनी,
खर्च हो गया अठन्नी ।

रिश्तों कि डोर हो गई कमजोर,
परिवार  हो गया मजबूर।

फेसबुक नेट हो गये महान, 
परिवार हो गए उसके आधीन ।

आओ होली पर संकल्प लें,
आपसी रिश्तों को मजबूत गांठ लगा लें।

बिखरे रिश्तों को समेट जकड़ लें,
परिवार को एक सूत्र में जोड़ लें।

होली में सभी गिले शिकवे दहन करें ,
गुंजियों कि मिठास से जीवन में मिठास भर दे।

आओ आज सच्ची होली मनाये,
होली के रंगो सा सबके जीवन में रंग भर दे।।

विजय पोखरणा "यस"
अजमेर

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6 Comments

Gunjan Kamal

08-Apr-2024 11:09 PM

बहुत खूब

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Punam verma

25-Mar-2024 08:58 AM

Very nice👍

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Abhinav ji

25-Mar-2024 08:20 AM

Very nice👍

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